गिलहरी जैसा अर्पण, निधि समर्पण

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में भव्य राम मंदिर का निर्माण एवं तीर्थक्षेत्र के समस्त प्रकल्पों का निर्माण निश्चित समयावधि में किये जाने हेतु संपूर्ण देश में घर-घर जाकर उनसे राम काज में सहयोगी बनने हेतु निधि समर्पण अभियान के रूप में आग्रह किया जा रहा है। कोई भी अभियान तभी सफल माना जाता है, जब उसमें जनसहभागिता हो, आम जन का समर्पण हो, निधि के रूप में भरपूर दान राशि एकत्र हो जाये। ऐसे ही प्रभु श्रीराममंदिर से जुड़े एक अभियान निधि समर्पण अभियान की विधिवत शुरुआत हो गयी है। आने वाले दिनों में विहिप और आरएसएस के स्वयंसेवक आपके घर दस्तक देंगे, आपके समर्पण के लिये आपसे आग्रह करेंगे। आप भी रामसेतु के निर्माण में गिलहरी की भूमिका को स्मरण कर खुद को इस अभियान में समर्पित कर पुण्यलाभ के भागीदार बन जाइयेगा। वैसे भी ये भगवान का घर बन रहा है। इसके लिए दान नहीं, समर्पण चाहिए होता है।

सामान्यतः देखा जाता है कि दान मांगा जाता है, दान मांगने वाले लोग दान की राशि तय करते हैं, लेकिन इस पूरे अभियान में मांगने की कहीं बात ही नहीं है। पिछले दिनों निधि समर्पण अभियान की शुरुआत देश के प्रथम नागरिक आदरणीय राष्ट्रपति महोदय के निधि समर्पण से हो भी गयी है।

मंदिर निर्माण में लगने वाले पत्थर और ईंट विशेष प्रकृति के हैं। इन पत्थरों के वजन और उसकी आयु की सीबीआरआई (Central Building Research Institute) की लेबोरेटरी में जांच करायी गयी है, जो देश में इस प्रकार के पत्थरों की उम्र को स्टडी करते हैं, तो उन्होंने पाया कि ये पत्थर अमूमन 1000 साल की आयु के माने जाते हैं। प्राचीन मंदिर जो इन पत्थरों के बने हैं, वो आज भी अपनी ऐतिहासिकता से हमको अवगत करा रहे हैं। भारतीय इंजीनियरिंग विभाग ने ड्राइंग और प्रोपोजल्स भी भेज दिए हैं। ऐसी ड्रॉइंग्स और ऐसे प्रपोजल्स दिए हैं, जो निश्चित ही शताब्दियों के लिए होंगे और भारतीय इंजीनियरिंग ब्रेन के लिए दुनिया में उदाहरण बनेंगे।

जैसा कि हम जानते हैं कि ये भगवान का घर है और लक्ष्मी भगवान के चरणों में बैठती है। अतः निधि की पूर्ति पर सबको विश्वास है। अब इस बात को सोचना कि इसमें कोई कमी पड़ेगी, ये अपने ऊपर ही अविश्वास करने जैसा होगा। परमात्मा के काम में मनुष्य की बाधा नहीं पड़ सकती है। बुद्धि का देना और बुद्धि का छीन लेना, सब उसी के हाथ में है। धन का देना, धन कम देना और अधिक देना ये भी उन्हीं के हाथ में है, अतः जो कुछ है सब उन्हीं का है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि हम धन संग्रह नहीं कर रहे हैं, हम तो निधि समर्पण अभियान चला रहे हैं। क्योंकि सारा समाज अयोध्या नहीं आ सकता है। सारा समाज बैंक में लाइन नहीं लगा सकता है। अगर ऐसा कर दिया तो सिस्टम ही फेल हो जाएगा। जिस प्रकार देश का प्रत्येक बालक स्कूल नहीं जा सकता, तो विवेकानंद जी ने कहा कि स्कूल बच्चे के घर जाए। हमने भी सोचा है कि गरीब-मजदूर तक कैसे पहुंचा जाए। महामहिम राष्ट्रपति और राज्यपाल महोदय बैंक के काउंटर तक कैसे जाएं। इसलिए हम ही इस अभियान के तहत घर-घर तक जाएंगे और उनके समर्पण के लिये उनसे आग्रह करेंगे। यह अभियान माघ पूर्णिमा के दिन यानी कि 27 फरवरी तक चलेगा। 27 फरवरी तक चलने वाले इस अभियान में देश के 13 करोड़ परिवारों से संघ और उसके अनुषांगिक संगठनों के 40 लाख कार्यकर्ता जनसंपर्क कर राममंदिर निर्माण के लिए स्वेच्छा से समर्पण मांगेंगे। देश के लाखों कार्यकर्ता आधी आबादी से तक जायेंगे। ये देश के साथ ही विश्व का भी सबसे बड़ा अभियान होगा। समर्पण अभियान का नेतृत्व श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय और कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी करेंगे।

ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा की मानें तो राम मंदिर निर्माण के सभी रामभक्त आसानी से अपना सहयोग कर सके इसके लिये विशेष व्यवस्था बनाई गई है। उन्होंने कहा राम मंदिर निर्माण में सहयोग के लिये 10 रुपए, 100 रुपए व 1000 रुपए के कूपन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके ऊपर की राशि पर रसीद दी जायेगी। रसीद और कूपन देने के साथ ही समर्पणकर्ता का नाम, पता और मोबाइल नंबर जुटाया जायेगा। इसके अलावा करीब 20 हजार से अधिक की राशि अकाउंट पेई चेक और बैंक ट्रांसफर से लिये जायेंगे। ये दान की गई सम्पूर्ण राशि टैक्स फ्री रहेगी। जारी किये गये कूपन और रसीद पर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी के हस्ताक्षर होंगे। इसमें प्रभु राम की एक हाथ में धनुष लिए और दूसरे हाथ से आशीर्वाद देती बड़ी तस्वीर होगी। इसके साथ ही मंदिर का मॉडल और ट्रस्ट का लोगो भी छपा होगा।बिना रसीद और कूपन के कोई राशि नहीं ली जायेगी।

जनसामान्य को अंशदान के लिए प्रेरित करने के लिये बड़ी बड़ी शख्शियतों ने अपना बड़ा दिल दिखाकर समर्पण स्वरूप राशि श्रीरामजन्मभूमि न्यास ट्रस्ट को दी है, जिसमें प्रमुख रूप से सरसंघचालक मोहन भागवत, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती, मध्‍य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, उत्‍तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह और बिहार के पूर्व डिप्‍टी सीएम सुशील कुमार मोदी शामिल हैं।

One thought on “गिलहरी जैसा अर्पण, निधि समर्पण

  1. Sir online payment ki detail bhi de dijey jis se rupeya sidhey trust ke account mey bhej sake.kyuki pm sir digital transaction ko kah chuke hai aur hum digital apna chuke hai.bhim Paytm etc.

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