व्हाट्सअप अब सुरक्षित नहीं है?

व्हाट्सअप अपडेट वर्जन के साथ अपने उपयोगकर्ताओं को दिए जाने वाली सेवाओं में नियम व शर्तों के साथ बदलाव करने जा रहा है, जिसके लिए आपसे अनुमति मांगी जा रही है। लेकिन हम भागदौड़ भरी जिंदगी में बिना पढ़े ही सारी नियम व शर्तें स्वीकार कर लेते हैं। अगर व्हाट्सएप के मामले में हमने यही गलती की तो हो सकता है, कल हम उपयोगकर्ता से सीधा उपयोगी वस्तु बन जायें। इसकी नई पॉलिसी के तहत शर्तें ही कुछ ऐसी हैं जो हमें अब रॉन्ग सिग्नल दे रही हैं, वहीं टेलीग्राम और सिग्नल को खुद व खुद ग्रीन सिग्नल मिलता दिखाई दे रहा है।

व्हाट्सएप में दो तरह के एकाउंट होते हैं, पहला साधारण और दूसरा बिज़नेस एकाउंट। व्हाट्सएप चैट वैसे तो एन्ड टू एंड एन्क्रिप्टेड होती है, जिसका मतलब होता है दो लोगों के बीच की बातचीत सिर्फ दो लोगों के बीच ही रहेगी, जिसे स्वयं व्हाट्सएप भी नहीं पढ़ सकता है। लेकिन जब यही चैट किसी बिज़नेस व्हाट्सएप एकाउंट के साथ हो रही हो तो हमारे बीच की बातचीत को कोई भी थर्ड पार्टी पढ़ सकता है, और उसका अपने मनमाफिक इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन हम इसके इस्तेमाल में इतना ध्यान ही नहीं रखते हैं कि कौन बिज़नेस एकाउंट उपयोग कर रहा है और कौन साधारण।

अगर बात एन्ड टू एंड एन्क्रिप्शन की की जाए तो इसमें भी बहुत बड़ा झोल है। आपकी चैट तो सुरक्षित है लेकिन व्हाट्सएप की नई पॉलिसी के तहत सेवा प्रदाता को ये पता चल जाएगा कि आप कौन सा हार्डवेयर उपयोग कर रहे हैं, इसमें कौन सा ऑपरेटिंग सिस्टम है, बैटरी लाइफ कितनी है, सिग्नल स्ट्रेंग्थ कैसा है, टाइम जोन कौन सा है, आईपी एड्रेस क्या है। इसके साथ आपकी प्रोफ़ाइल तस्वीर, स्टेटस, आपका नाम, आपकी कॉन्टेक्ट डिटेल्स अब कुछ भी सुरक्षित नहीं है।

व्हाट्सएप फेसबुक का ही एक उपक्रम है, जिसे फेसबुक ने सन 2014 में 22 बिलियन डॉलर में खरीद लिया था। अतः अब आपकी सूचना अब अन्य प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, फ़ेसबुक मैसेंजर और इंस्टाग्राम पर भी पहुंच जाएगी। जहां फेसबुक मैसेंजर एन्ड टू एंड एन्क्रिप्ट नहीं है, अतः आपकी निजता भंग होने की शत प्रतिशत सम्भावना है। जहाँ आपका एक लाइक ही ये बतला देता है कि आप क्या देखना चाहते हैं, फिर आपको वही दिखाया जाता है, उसी तरह के विज्ञापन दिखाए जाते हैं, जिनको कोई ना कोई स्पांसर कर रहा होता है। आपकी सूचनाओं का एक वस्तु की तरह उपयोग किया जाता है। दरअसल ये एक बिज़नेस मॉड्यूल है, विज्ञापन बेचने का एक तरीका है।

व्हाट्सएप द्वारा ये डेटा कलेक्शन आगामी समय में काफी चीजें प्रभावित कर सकता है, जैसे कि आम चुनाव का प्रचार और रुझान का अपने पक्ष में करना। कैम्ब्रिज एनलिटिका द्वारा ये किया भी जा चुका है। इसके साथ आपकी कई गोपनीय जानकारियां जैसे कि बैंक डिटेल्स, ईमेल नोटिफिकेशन आदि यदि लीक हो गयी तो आपको काफी गहरा आघात पहुंचा सकती हैं।

व्हाट्सएप चूंकि हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा हो चुका है, इसलिए हम इसे यूँ ही छोड़ भी नहीं सकते हैं, लेकिन उसके उपयोग को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है। जैसे किसी भी बिज़नेस व्हाट्सएप एकाउंट के साथ अपनी निजी जानकारी साझा नहीं कीजिए। आईपी एड्रेस छिपाने के लिये वीपीएन का इस्तेमाल कीजिए। खुद की प्रोफाइल पिक्चर लगाने से बचिये, यदि लगानी ही है तो सेटिंग में जाकर ऐसी सेटिंग कर लीजिए कि सिर्फ जानपहचान वाले लोगों को देखने की अनुमति मिले। आजकल के डिजिटल युग में आपकी निजी जानकारियां बहुत महत्वपूर्ण हैं, अतः अपनी निजता का पूरा ख्याल रखिए।

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